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"वक्त"

इस वक्त मे कोई बात हैं, जो चल रहा मेरे साथ हैं; छूट रहा, अब अपनो का साथ हैं, वक्त का ही अब साथ हैं। सफर मे है जो चल पड़े, न साथ हैं कोई खड़ा; अपनो से जो छूट पड़े, ये वक्त की ही तो बात हैं। जो मां- बाप न सिखा सके, वो वक्त ने सिखा दिया; जो गुरू भी न बता सके, वो वक्त ने बता दिया। जो वक्त से हारा हुआ, वो क्या ही जीत पायेगा; जो वक्त से विजयी हुआ, उसे कौन हरा पायेगा? रुके नहीं, डटे रहे, वक्त के खिलाफ हम; जिस वक्त का इंतज़ार था, वो चल पड़ा अब साथ हैं। वो चल पड़ा अब साथ हैं।